हे !
परमेश्वर ll
मैं पथिक हुँ अनंत जन्मोंका ll
अनेक जन्मकी भक्ति से तुम साक्षात् होते हो!
और मैं सिर्फ एक उपवास
से कैसे रिझाऊं ?
तुम्हारे द्वार सब आते जाते है पर ऑंखें बंद करके बैठे हो !!
एकबार मेरे स्थान पर आकर मेरे हाल तो जान लो प्रभु !
मेरी कोई फरियाद नहीं!
सिर्फ एक आवाज भक्त की सुना करो !!!
- वात्सल्य