विषय - खुशियों के बहाने
दिनांक - 25/02/2024
इन व्यस्तताओं भरी जिंदगी में,
कुछ सुकून के पल हम ढूंढ लें।
गम को पीछे अब छोड़कर,
खुशियों के कुछ बहाने ढूंढ लें।।
जब भी फुर्सत मिल जाए,
अपने मित्रों की महफिल जमाएं।
नए पुराने किस्सों के साथ में,
चाय साथ,हंसी के ठहाके लगाएं।।
स्कूल कॉलेज की बातें यादकर,
मन में उन यादों को ताजा करना।
चेहरे पर एक मुस्कान लाकर,
किसी हसीन चेहरे पर वो मरना।।
वो भी क्या दिन हुआ करते थे,
जब जिम्मेदारियों का नहीं था आभास।
खाना,खेलना और बस पढ़ना,
किताबों और मित्रों इन्हीं का था साथ।।
बचपन के कुछ हसीन पलों को,
आज के जीवन से हम जोड़ लें।
खुशियों के नए बहाने ढूंढकर,
थोड़ी देर समझदारी को छोड़ दें।।
किरन झा (मिश्री)
-किरन झा मिश्री