“वेलेण्टाइन डे शायरी “
१) ऐसा लगता है ज़िंदगी तुम हो,
अजनबी जैसे अजनबी तुम हो,
अब कोई आरज़ू नहीं बाकी,
जुस्तजू मेरी आख़री तुम हो!!
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२) तुमसे जुड़े कुछ अनकहे जज़्बात सीने में यूँ
दफ़्न है मेरे कि बस हँसीं शाम का इंतज़ार है
उन्हें अपनी जुबां तक लाने के लिए …
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३) तेरा मिलना मेरे लिए
ख्वाब ही सही
पर तुझे भूलूँ में ऐसा कोई
लम्हा मेरे पास नहीं. !
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४) मंज़िल मिले ना मिले
ये तो मुक़द्दर की बात है
हम कोशिश भी ना करे
ये तो ग़लत बात है
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५) ज़िंदगी जख्मो से भरी है
वक्त को मरहम बनाना सीख लो
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६) हारना तो है एक दिन मौत से
फ़िलहाल ज़िन्दगी जीना सीख लो…!!!
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७) मेरे मुक़द्दर की हद है
बस इतनी सनम …
तेरी हथेलीसे शुरु
तेरी हथेली पे ख़त्म …!!
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