❤️मैं इतना भी समझदार नही था जितना लोगो ने मुझे समझदार बोलकर बना दिया है
एक अनसुलझे ख्यालों वाला नासमझ सा लड़का ही रहना था मुझे पता है आपको हमेशा समझदार लोगो के हिस्से ही समझौता आता है
उनसे ये उम्मीद की जाती है की यार ये तो कैसे भी एडजस्ट कर ही लेगा क्योंकि ये समझदार है इतना भी समझदार नही था मुझे की मेरी समझदारी मेरी नादानी की जीतेजी खा जाए और हर बार समझौता सिर्फ मेरे हिस्से में ही आए❤️🔥।।
-किरन झा मिश्री