शब्दों के मोती भी कितना कमाल करते हैं
कभी मोहब्बत के मोती बिखेर
दिलों को गुलजार करते हैं
तो कभी दर्द के नग्मे बिखेर
दिलों को तार तार करते हैं
कभी हँसी की सुबह बिखेरते हैं
तो कभी ग़म की शाम बिखेरते हैं
शब्दों के अनमोल मोती
हमारे मन के हर ज़ज्बात बिखेरते हैं
-Devaki Ďěvjěěţ Singh