फिर खुदा ने मेरी सुनी और 3 दिन बाद उनके वहां से कॉल आया कि सोनम की डिलीवरी 16 फरवरी और मैं मेरी मम्मी पापा गए 5.30 को 16 फरवरी को मेरी बेटी पैदा हुई मुझे बहुत खुशी हुई मैंने उसको अपनी उंगली पकड़बाई और खुश हुआ फिर मैं सोनम को मिला वो भी खुश थी मुझे देखकर फिर हमने उनके घरवालों से बात की मैंने उसके मां बाप के पैर और पकड़े और बोला प्लीज पापा सोनम को भेज दो मेरे साथ मुझे अपनी बेटी और मेरा प्यार लोटा दो कृपया और वो मान गया आखिर फिर मैं बहुत खुश हुआ नमाज अदा करने गया और अपनी बेटी और अपनी पत्नी के साथ रहूँगा बिलकुल ख़ुशी के साथ मेरी पत्नी मुझे केरल नहीं जाने देती थी तो मैं गेहूं काटने के लिए जाता और घर आते ही अपनी बेटी को खिलाता मेरी हर थकन मिट जाती थी उन दोनों को देखकर लेकिन आगे खुदा को मंजूर ना था मेरा इतना खुश होना 😭😭😭😭😭😭