सबसे पहले मिट गया जरूर मेरे मन का मैं
बात ये बड़ी हुई हुआ हूं तेरे मन का मैं
जो कई सालो से ध्यान तुझपे ही लगा रहा
वर्ना ये मुझे डुबा ही देता जेरे मन का मैं
मन बदन कहीं कही ये और सब कही कही
जब तुम्हारा पत्र मिला लगा की गांव आ गया
प्रेम के विषय तुम्हारा जब सुझाव आ गया
-Subhamsaralcp