तेरे गलियों से होकर मालूम चला,
हर, गलियां एक जैसी नहीं होती।
जब नजरे ये देख ले तुझे जी भरके,
इसे और कुछ देखने का मन न करे।
हां,,तुझे इश्क ना हो बेशक हमसे,
पर हमे तो है,भले ये एक तरफा ही सही।
इश्क इस कदर है, तुमसे,
कि न बताया जाता है ना जताया जाता है।
बस दूर से देख कर मुस्कुरा लेते है,
तू मेरी है,ये कह कर दिल को बहला लेते है।
क्या फर्क पड़ता है,ये चाहत एक तरफा है तो,
तेरे गलियों का रुख कर के महसूस दो तरफा वाली होती है।
-Mr Rishi