विश्व बधिर दिवस
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भगवान ने बोलने और सुनने की क्षमता सभी को प्रदान की है। इसके कारण कुदरत की हरेक आवाज का हम सभी सुखद आंनद उठाते हैं। पर कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें यह सुख प्राप्त नहीं हो पाया है। वे केवल इशारों द्वारा ही अपनी बातें कह पाते हैं। आज विश्व बधिर दिवस है। हर साल विश्व बधिर दिवस सितंबर माह के आखिरी रविवार को मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य समाज में बधिरों के योगदान के प्रति जागरूकता लाना तथा उनकी समस्याओं को बेहतर ढंग से समझना है। उन्हें समाज में उचित सम्मान देना है। इस वर्ष इसकी थीम है -'इअर एंड हियरिंग केअर फॉर ऑल '।
वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ, एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जिसका नेतृत्व सितंबर 1951 में रोम (इटली) में किया गया था। 1958 में विश्व बधिर दिवस मनाने का अभियान शुरू किया गया। यह बधिर लोगों के मानवाधिकारों का समर्थन करता है।
तो आइए हम सभी इनके लिए अपना हाथ बढ़ाए और शब्दों की भाषा की जगह प्रेम की भाषा इनके लिए अपनाएं ।
बधिरों की भावना को समझते हुए प्रस्तुत है मेरी एक रचना 🙏🙏
विश्व बधिर दिवस
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खामोश आँखें कह रही हमको भी सम्मान दो
माना सुन सकते नही हम पर प्रेम से ही मान दो
पढ़ -लिख सकते हैं हम भी ,कार्य सब करते हैं हम भी
जी सकें नेक जिंदगी इंसानियत का वरदान दो।
कुदरत की हैं हम तो अलग अदभुत निशानी
मूक भाषा बोलते हैं कहते हैं अपनी कहानी
जो तुम सुन लो प्यार से दिलों की हमारी दास्तां
आवाज हमारी तो मौन है कहते हैं इशारों की जुबानी ।
विश्व बधिर दिवस आता है साल में एक बार ही
हमको अपनी शक्ति का एहसास दिला कहे जिंदगी का सार ही
सितंबर के आखिरी रविवार को यह मनाया जाता है
हमारी क्षमता और उपलब्धियों में करता सुखद धार ही।
आभा दवे
मुंबई
24-9-2023
रविवार