लोग कहते है की चरखे और अहिंसा से हमे आजादी मिली है,
जरा जा कर पूछो उन मां बाप को जिन्होंने अपना बेटा खोया है,
जरा जा कर पूछो उस पत्नी को जिसने वतन के खातिर लड़ते हुए अपने पति को खोया है,
जरा जा कर पूछो उन बच्चो को जिसने पापा बोलने से पहले ही अपने पिता को शहीद होते देखा है।
अरे चरखा और अहिंसा तो यूंही प्रख्यात हो गए आजादी के लिए, असली आज़ादी तो उन शहीदों ने दिलाई है जिसने अपना सब कुछ अपने वतन के नाम कर दिया है।
आज इस आजादी के महोत्सव पर मै उन सभी शहीद भाई बहनों को प्रणाम करता हूं। आपके योगदान की भरपाई हम कभी नहीं कर पाएंगे।
-Shreyash R.M