सादर समीक्षा हेतु प्रस्तुत हैं 🙏🙏🙏
*दोहा सृजन हेतु शब्द--*
*बूँदाबाँदी,बरसात,धाराधार,पावस,चातुर्मास*
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1 बूँदाबाँदी
बूँदाबाँदी ने भरा, तन-मन में उल्लास।
जेठ माह की तपन से, मन था बड़ा उदास।।
2 बरसात
धरा मुदित हो कह उठी, लो आई बरसात।
अनुपम छटा बिखेर दी, गर्मी को दी मात।।
3 धाराधार
रूठे बादल घिर गए, बरसे धाराधार।
ग्रीष्म काल दुश्वारियाँ, हर्षित है संसार।।
4 पावस
पावस प्रिय की यह घड़ी, लगती सब को नेक।
नव अंकुर विहँसे निकल, मुस्कानें हैं एक।।
5 चातुर्मास
भक्ति भाव आराधना, आया चातुर्मास।
धर्म धुरंधर कह गए, माह यही हैं खास।।
मनोजकुमार शुक्ल " मनोज "
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