फिल्मे केवल कमाई का जरिया रह गई हैं धार्मिक भावना से इसका कोई लेना देना नही जो लोग विरोध में है वो भी इसके ग्राहक सपोर्टर है | कमाई के लिए बनाई गई कमाई कर ली | मैने फिल्म नही देखी टेलर देखकर ही फिल्म की वास्तविकता समझ मे आ गई जो हृदय को स्पर्श न करे उसे आगे बढ़ावा न देना (न देखकर ) जवाब है | किसी फिल्म को समझना ही है तो पायरेटेट कर दो , बिन पैसे खर्च करे देखो , जैसे कोई कूड़ा साफ करने के लिए झाँड़ू उठाता है | थियेटर में पी वी आर में देखकर उनकी जेबे मत भरो |