जैसे हल्की सी हवा चलने पर हल्की झोपडियाँ उजाड़ हो जाती है वैसे ही समस्या आने पर सारे सम्बन्धियों की पोल धीरे -धीरे स्वतः ही खुल जाती है |

Urdu Thought by Ruchi Dixit : 111880042

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