इतनी बेरुखी के बाद भी खींचे आ रहे है।
तुम्हारी लापरवाही पे भी जिए जा रहे है।
तुम्हारे इश्क का फितूर तो देखलो।
की तुम पर हम तो मरे जा रहे है।
क्यू ऐसे दिल के जज़्बात दिए ओ खुदा।
की टूट के भी संभाले जा रहे है।
इतनी ही परवाह करता है तू मेरी।
तो परवाह करादे हमारी जिसके लिए हम मिटे जा रहे हैं।
-Tru...