*दोहा सृजन हेतु शब्द--*
*लू, लपट, ग्रीष्म, प्रचण्ड, अग्नि*
1 लू
ज्येष्ठ माह का नवतपा, बरसाता है आग।
लू-लपटों से घिर चुके, सभी रहे हैं भाग।।
2 लपट
झुलस रहे हैं लपट से, शहर गाँव खलिहान।
श्रमजीवी श्रम कर रहे, पहिन फटी बनियान।।
3 ग्रीष्म
ग्रीष्म काल में चल पड़ा, पर्यटन का है शोर।
हिल स्टेशन फुल हुए, लगे सुहानी भोर।।
4 प्रचण्ड
सूरज प्रचण्ड तप रहा, जेठ लगा जब माह।
आएगा आषाढ़ तब, खतम करेगा दाह।।
5 अग्नि
सूरज अग्नि उगल रहा, सूख गये मृत-पात।
फिर नवपल्लव ऊगते, दिखें सभी हर्षात ।।
मनोजकुमार शुक्ल " मनोज "
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