प्रकृति मे सबकुछ निश्चित है नियत है |
कुछ भी परिवर्तन नही होता और जो होता है
वह नियत है निश्चत है | उसी प्रकृति का हम भी
एक अंश है हमारी भी भूमिका नियत है निश्चित है |
क्यों कि गति ,ऊर्जा प्रकृति है इन्ही से उत्पन्न विचार और विचार से कर्म , कर्म से व्यवहार है |