हर कोई यह तो समझता है कि अच्छे लोगो के साथ परमात्मा है मगर वह यह शायद जानता हो कि वह बुरे अर्थात् विपरीत आचरण व्यवहार वालों के साथ भी उतना ही है | ईश्वर किसी में भेद नही करता | जो जिस भी आचरण व्यवहार को ग्रहण करता है वह उसी अनुरूप परिणाम पाता है | जो परमात्मा को समर्पित हो परमात्मा उसे स्वंय को सौप देता है किन्तु एक पात्र में सागर नही आ सकता इसलिए तोड़कर उसे स्वंय में समाहित कर लेता है | भागवत आधार

Urdu Thought by Ruchi Dixit : 111872213

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now