हर एक पत्ते के कान में हवाये कुछ कह रही सुनकर !
लगे झूमने यह भूलकर कि आयेगा पतझड़ एक दिन ...
--जीवन की भूमिका में जीवन |

Urdu Thought by Ruchi Dixit : 111871908

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