एक चींटी उदास है...
आटा भी बिखरा है
शक्कर की बरनी भी अधढंकी है
कुछ राई बिखरी है
मगर एक चींटी उदास है
बेवक़्त बारिश से
फ़सल ख़राब हुई…
फूल भी खिले हैं
पानी का नल भी टपक रहा
मक्खियों का छत्ता भी बड़ा सा है
मगर मधुमक्खी उदास है
सालाना पेपर हो गए
बच्चे स्कूल नहीं आते
पेडिग्री के नए फ्लेवर वाला पैकिट भी है
गले में पट्टा भी नया है
घुमाने ले जाते रास्ते में खम्भा भी है
मगर टॉमी उदास है
बिट्टू उस बार छुट्टियों में
होस्टल से घर नहीं आया
छिपने को तस्वीर भी है
मच्छर भी बहुत हो रहे
मोरपंख भी बल्ब के पास नहीं
मगर एक छिपकली उदास है
दोनों में झगड़ा होने पर
पति पत्नी की बोलचाल बन्द है
कबूतर का जोड़ा भी है
Ac कम्प्रेसर पर घोंसला भी है
प्रणय का मौसम भी
मगर कबूतर उदास हैं
प्रिया कुछ रोज़ पहले
ससुराल चली गई
गाय की रोटी भी बनती है
बछड़े के हिस्से का दूध भी थन में छोड़ा जाता
रोज़ हरी घास भी लाई जाती है
मगर गैया उदास है
पिछली सर्दियों में
दादी गुजर गई……
संजय नायक"शिल्प"