सजल
उठ खड़ा है देश अब,.........
उठ खड़ा है देश अब, प्रगति की बातें करें।
आइए हम मिल सभी, सुमति की बातें करें।।
मुस्कराया आसमाँ, लालिमा है बढ़ रही,
छट गई सब कालिमा, सुगति की बातें करें।
द्वेष सारे भूलकर, सद्भावना पथ पर बढ़ें,
धर्म मानवता समझ, प्रमति की बातें करें।
आपसी में जब मिलें, भातृपन के भाव हों,
राष्ट्र भक्ति दिल में हो, प्रणति की बातें करें ।
हो रही भोर देखो, मधुर कलरव गूँजता,
दे रहा संदेश यह, प्रकृति की बातें करें।
धर्म के अब नाम पर, हो रहे गिले शिकवे ,
हैवानियत की सोच, कुमति की बातें करें।
सभ्यता इस देश की,विश्व में ऊँची रही ,
झाँकें सब अतीत में, संस्कृति की बातें करें।
मनोजकुमार शुक्ल मनोज
1अप्रैल 23
प्रमति(उत्कृष्ट बुद्धि) ,प्रणति( प्रार्थना) ,