प्रकृति ने बहुत कुछ दिया है दे रही है और पर्याप्त यानि भरमार है परन्तु बेलगाम जनता, अराजकता का राज और भ्रष्ट तन्त्र ने प्रकृति को पूरा का पूरा मिटियामेट कर रौंद दिया है, हड़प कर लिया है एक एक पोलिटिशियन 50हजार करोड़ की हैसियत का है जो बचा है वह किसी से कम का नहीं है आम आदमी दो वक्त की रोटी को जिदोजहद में खपा रहा । नदी नाले नेचर सस्कृति संशाधन पर कब्जाये गये है लूट खसोट का ही कारोबार है ।
https://www.youtube.com/@Robustlife_ multigrains/videos