विषय - फागुनी बयार
दिनांक -05/03/23
चारों ओर कुसुम खिल रहे,
देखो फागुनी बयार है आई।
रंग बिरंगे फूल खिलेंगे,
प्रकृति में बहार है छाई।।
फूलों से टेसू गुलाल बनाकर,
एक दूसरे को लगाना है।
होली के इस त्यौहार को,
मिलकर सभी को मनाना है।।
भरकर रंगों से पिचकारी,
एक दूसरे को भिगाएंगे।
लाल,पीले,हरे, नीले रंगों से,
इस धरा को हम सजाएंगे।।
रंग लगाओ,मिठाई खिलाओ,
छोड़कर सारे गिले द्वेष।
खुशियों के साथ होली खेलो,
गले मिलकर बिना क्लेश।।
किरन झा मिश्री
-किरन झा मिश्री