हम कोई अकेले नहीं, परेशान और भी हैं, अभी तो देखा है क्या, मुकाम और भी हैं !
न समझो कि गुज़र गए फरेबों के दिन,
अभी तो जिंदगी में, कोहराम और भी हैं ! वो वादे वो इरादे सब झूठ हैं मेरे दोस्त, अभी ठगने के लिए, इंतज़ाम और भी हैं !
कैसे छूट पाएंगे हम इस जिद्दो जहद से, अभी हमारे सर पर, इल्ज़ाम और भी हैं !
न सोचो कि बात बस इतनी सी है दोस्त,
अभी इस नसीब के, इम्तिहान और भी हैं !!!
-Ri.... :-!