पानी को बर्फ में, बदलने में वक्त लगता है,
ढले हुए सूरज को,
निकलने में वक्त लगता है !!🌹
🌹थोड़ा धीरज रखो,थोड़ा और जोर लगाते रहो,
किस्मत के जंग लगे दरवाजे को,
खुलने में वक्त लगता है !!🌹
🌹कुछ देर रुकने के बाद, फिर से चल पड़ो,
हर ठोकर के बाद,
संभलने में वक्त लगता है 🌹
🌹बिखरेगी फिर वही चमक,
तेरे वजूद से तू महसूस करना
टूटे हुए मन को,
संवरने में थोड़ा वक्त लगता है🌹
🌹जो तूने कहा, कर दिखायेगा रख यकीन,
गरजे जब बादल,
तो बरसने में वक्त लगता है !!🌹
♥️🙏
-किरन झा मिश्री