#पतझड़
क्यों जरूरी है ये पतझड़
क्या इनका नही होता कोई परिवार
यें भी तो होते है
अलगअपनी शाखा से
जहाँ लिया था जन्म नया
इक नन्हीं कोपल ने
बिखेरी थी भीनी खुशबू
यूं हवा में इस कोपल ने
फिर इक नई जिंदगी
पलनी थी शाखा में
भरने थे कई रंग
उसको अपने जीवन में
क्या पता कब कोई चिड़िया
आती झूला भरने
या फिर हवा रानी
खुद ही झूला बन जाती
सरसराती पेड़ो में
हिड़ोला खुद ही बनाती इतना सुरमय जीवन बन जाता
फिर क्यों पतझड आता
बताने जीवन का सच
शायद इसीलिये पतझड़ आता
-Vaishnav