“वो हिंदी सी लगती है”,
जी हां मुझे वो हिंदी सी लगती है
जब देखता हूं उसकी तरफ तो उसकी पलके कुछ कविता सी कह जाती है,
जब सुलझाता हूं जुल्फे तो कुछ कठिन वाक्यों सी उलझ जाती है,
जब पकड़ता हूं उसका हाथ तो वो प्रेमचंद की कहानियों सी सिसक जाती है,
जब रखती है कंधे पर सर तो मानो 2पंक्ति के काव्य में पूरा सार सा कह जाती है,
जब देखता हूं उसका मुस्कुराता चेहरा तो उसकी मुस्कान पूरा सार सा कर जाती है,
जब आती है चुन्नी ढककर सर पर तो एकदम साधारण सी नजर आती है,
शायद इसी लिए तो वो हिंदी कही जाती है ।
-Aman Sen