“होश वलों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज है
इश्क की फिर समझी जिंदगी क्या चीज है
होश वलों को खबर क्या...
उनसे नजरें क्या मिली रोशन फिजाएं हो गई
आज जाना प्यार की जादुगरी क्या चीज़ है
इश्क कीजे फिर समझिए...
खुलती जुल्फों ने सिखायी मौसम को शायरी
झुकती आंखों ने बताया मैकाशी क्या चीज है
इश्क कीजे फिर समझिए...
हम लबों से कह ना पाए उनसे हाल-ए-दिल कभी
और वो समझे नहीं ये खामोशी क्या चीज है
इश्क कीजे फिर समझिए”
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