" कुछ भूख सी लग रही हैं कुछ बना दो खाने को
"टाई की नॉट ढीली करते हुए शेखर ने कहा
"अरे! खुद बना लो कुछ ! मैं कुछ लेख लिख रही | आज एक अखबार को भेजनी हैं अभी अभी उस अखबार के एडिटर उस्मान भाई का जल्दी भेजो का फ़ोन आया था "टाई की नॉट ढीली करते हुए शेखर ने कहा
"एक कप चाय पिला देती फिर लिखती रहती ! बहुत थक गया हूँ आज "
"आप कब नही थकते ! जब देखो थके हुए से, मैं अकेली दिन भर दो लफ्जों को तरसती हूँ बन्दा घर आएगा, बीबी से दो बोल प्यार के बोलेगा पर यह तो घर आते ही ऐसे हैं जैसे होटल में आये हैं बीबी चाय बनाये रोटी बनाये | हद हो गयी ! पैसे कमाने वाली बीबी होती तो खुद बनाकर पिलाते गरम चाय यहाँ तो हम दिल का कुछ काम भी नही कर सकते " पैर पटकती हुयी निशि रसोई में घुसी
"लो चाय ! और कुछ ? अब बार बार आवाज़ ना लगाना "
"वैसे किस टॉपिक पर लेख लिख रही हो बताती जाओ शायद मैं कुछ आईडिया दे दूँ "
"घर कैसे बने स्वर्ग ?इस पर
उफ़!! अभी तक कुछ आईडिया ही नही आ रहा "

-Neelima Sharrma Nivia

Hindi Story by Neelima Sharrma Nivia : 111857516

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