ओरो को छोड़कर मुझे खुद को एक मौका देना है मुझे औरों के लिए नहीं खुद के लिए जीना है....
ज़िन्दगी ने बहुत दुख दिए मुझे, अरे! ज़िन्दगी को तो और बहुत कुछ देना है बहुत हो गया दुख जिन्दगी में अब ख़ुदा से सिर्फ खुशियों को लेना है....
क्योंकि अब मुझे,
खुद के लिए जीना है...
पहले नराजगिया बहुत थी जहन में,
अब मुझे किसी से नाराज़ नहीं होना है क्योंकि अब मुझे दूसरों से नहीं खुद से नाराज होना है....
पहले रोई थी लोगों के लिए,
अब बिल्कुल नहीं रोना है क्योंकि अब औरों का नहीं खुद का होना है....
दोस्त बनाना है, लेकिन किसी का दोस्त होना नहीं है अब और मुझे किसी के लिए रोना नहीं है....
क्योंकि अब समझ गई हूं कि खुद के लिए जीना ही है सही...!
-Ri.... :-!