विषय - बस इतनी सी चाहत है
दिनांक -22/01/2023
मेरे जीवन का यही उद्देश्य है,
धर्म कर्म की राह कभी न छूटे।
करती रहूं राष्ट्र धर्म की सेवा,
बस ये मेरी चाह कभी न टूटे।।
जाने अंजाने अगर गलती हो जाए,
पर अपना कोई कभी न रूठे।
अपनों को साथ लेकर चलना है,
छोड़कर उनका साथ,जो है झूठे।।
मक्कार,धूर्त और आडंबरी लोगों से,
ईश्वर हमें आप सदा ही बचाना।
बुरी संगती में कभी पड़ने न पाएं,
ऐसा आशीर्वाद हम पर सदा बनाना।।
हो मेरे मन में दया प्रेम भाव,
ऐसी नव चेतना आप बनाए ही रखना।
पैर कभी न मेरे डगमगाएं ,
बस इसी चाहत का है मेरा सपना।।
किरन झा मिश्री
ग्वालियर मध्य प्रदेश
-किरन झा मिश्री