तेरी हर बात मुझे सच्ची लगती हैं।
तेरी हर मुस्कुराहट मुझे जान से भी प्यारी लगती हैं।
में नहीं जानती की में कब तक जियूंगी?
पर तेरे साथ गुजरा हर पल मुझे सुहाना लगता हैं।
तु जब भी बोलता है, जी करता है कि बस
तुझे मैं सुनती ही रहूं,
तेरी आवाज़ मुझे बहोत रुहानी लगती हैं।
जब तुम्हारे साथ होती हूं तब वक्त
कहा गुजर जाता हैं, पता नहीं चलता,
तेरे साथ बिताया हर पल बहोत ख़ास लगता हैं।
जब तेरा हाथ मेरे हाथ में होता हैं
तब वक्त बहोत अजीज़ लगता हैं।
मेरी हथेली पर तेरे नाम कि महेंदी
जब खिलती हैं,
तब तुजपे मुझे बहोत प्यार आता हैं।
मेरी भावनाएं बस तेरे लिए ही है,
तेरी कसम तेरी वजह से हर पल
मुझे गुलज़ार लगता हैं।
चौहान भावना"मीरा"
-Bhavna Chauhan