तेरा नाम हथेली पर
सौ दफा लिखा और मिटाया है।
कोई पढ़ न ले उसे
इसलिए सबसे छुपाया है।।
ये गीत,ये गजलें, ये शायरियाँ
सब नाम है तेरे ऐ साथी।
तुझे तो मैने
अपनी रूह मे बसाया है।।
तू दूर है फिर भी
मेरी आंखो की रोशनी सा चमकता है।
बागों मे बिखरी खुशबू सा
तू मेरी जिन्दगी मे महकता है।।
ये चाँद, ये चाँदनी, ये राग,ये रागिनी।
मेरी हर गीतों का मुखड़ा
तेरे ख्यालो से निकलता है।।
मीरा सिंह
-Meera Singh