हमने देखा है.....
जिनकी आवाज़ से अच्छे से अच्छे काँप जाते थे हमने उन्हें बेईन्तहा रोते हुये देखा है....
हमने देखा है....
जिनकी मासूमियत से अच्छे से अच्छे पिघल जाते थे...
उन्हे अपनी मासूमियत को कोसते देखा है...
हमने देखा है...
जिनकी इंसानियत हि धर्म था उनके साथ
हैवानियत होते हमने देखा है....
हमने देखा है...
जिनका सीधा सरल स्वाभाव था
उनकी पवित्रता कि धज्जियां उडते देखा है
हमने देखा है....!!
-Madhu