" क्या बात है "
( गजल )
आंख से वो करे वार क्या बात है।
बाद में वो करे प्यार क्या बात है।
जोर से दिल धड़कने लगा है भला;
बन गये आज संसार क्या बात है।
सामने देखते ही करे वो मना;
ख्वाब में रोज इंतजार क्या बात है।
मैं इशारा भरी बात करने लगा;
होठ पे बोल इनकार क्या बात है।
मैं कभी भी न Bन्दास मिला उसे;
वो करे रोज फरियाद क्या बात है।
©✍️ " Bन्दास "
राकेश वी सोलंकी।
छंद : मुतदारिक = गा ल गा × ०४