ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
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आज रविवार है और आज का दिन सूर्यदेव को समर्पित होता है। कहा जाता है कि सूर्यदेव जगत की आत्मा है। इस पृथ्वी से जीवन सूर्य से ही है। इसी को सर्वमान्य सत्य कहा गया है। जगत के कर्ता-धर्ता भी सूर्य को कही माना गया है। ऋग्वेद के देवताओं कें सूर्य का महत्वपूर्ण स्थान है। सूर्योपनिषद में सूर्य को ही संपूर्ण जगत की उत्पत्ति का एक मात्र कारण निरूपित किया गया है। मान्यता है कि अगर रविवार के दिन व्यक्ति सूर्यदेव की अराधना करे तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। विधि-विधान के साथ सूर्यदेव की पूजा करने से व्यक्ति पर सर्वत्र ही प्रभु की कृपा बनी रहती है।