मिलती हूँ गले तुम से ,
जब जब जे ठण्ड की धुंध
मेरे जिस्म को छु ,
मेरे अंदर तेरे होने का एहसास करवा जाती है l
मिलती हूँ गले तुम से ,
जब जब धुंध को हटा
सुरज की मीठी किरणें
मेरे जिस्म मे गर्माहट भर,
तेरी बाहों की गर्माहट का एहसास
मुझ मे करवा जाती है l
मिलती हूँ गले तुम से ,
जब जब जे ठण्ड की ठंडी हवा
मेरे जिस्म मे आहा (ठंडी सांसे ) भर
तेरी सांसो का एहसास मुझ मे करवा जाती है lnavita 🎼
मिलती हो गले तुम से
हर सुबह , जब जब जे कुदरत
तेरा मुझ मे होने का एहसास करवा जाती हैl