और बताओ, मेरी याद तुम्हें आती है क्या?
रातों को तुम्हें अक्सर जगाती है क्या
जब जब गोधूलि में सूरज मिलता धरती से
मुझसे मिलने की बेचैनी तुम्हें सताती है क्या
बताओ ना मेरी याद तुम्हें आती है क्या?
वो बातेँ, वो रातें, साथ में झील का किनारा
टीम टीमाती चांदनी तुम्हें सताती है क्या
हाथों में मेरा हाथ, तुम्हारा गर्म एहसास
साँसों का शोर मद्धम याद आती है क्या
बताओ ना मेरी याद तुम्हें आती है क्या
-Sanjay NI_ra_la