My Spiritual Poem...!!!
हज़ार ग़म भी मिलें बद-हवास
क्या होना
हंसी ही उड़ाएगी दुनिया
उदास क्या होना
यहां कोई भी किसी की
मदद नही करता
सवाल कर के भी भला
बे-लिबास क्या होना
सोने की सही सोने की
ही रहने दो डियर
क्यो सोनेकी किमती जाल
पानी मे डालना
बेसबब बंध मुठ्ठी क्यो हवा
में उछालना
भरे जख्मो को बिना बात
फिर हरे करना
अपने पैर पर खुद अपने ही
हाथो कुल्हाड़ी मारना
हासिल कुछ नही फिर क्यु
गमो का तायफ़ा करना
-Rooh The Spiritual Power