#Ganesha
गणेश वंदना

हे गजवदन गणेश विनायक ,

भक्ति मेरी स्वीकारें।

मेरा अपना कोई नहीं है,

जग में सिवा तुम्हारे।


तुम बुद्धिदाता कहलाते,

कष्ट हरण कर खुशियाँ लाते।

बीच भंवर में नाव फँसी है,

तुम ही लगाओ किनारे।


माया-मोह में मन भरमाया,

बैर -झूठ का फैला साया।

मुक्त करो इस इस दुर्गम पथ से,

मेरा जन्म संवारें।


नैनन बसी तुम्हारी सूरत,

शक्ति देती पावन मूरत।

यह वरदान हमें तुम देना,

हर पल नाम उचारें।

डॉअमृता शुक्ला

Hindi Religious by Amrita shukla : 111837172
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