इक था बचपन इक था बचपन
इक था बचपन इक था बचपन
छोटा सा नन्हा सा बचपन
इक था बचपन
बचपन के इक बाबूजी थे
अच्छे सच्चे बाबुजी थे
दोनों का सुन्दर था बंधन
इक था बचपन
टहनी पर चढ़के
जब फूल बुलाते थे
हाथ उसके वह
टहनी तक न जाते थे
बचपन के नन्हे दो
हाथ उठाकर वह फूलों
से हाथ मिलाते थे
इक था बचपन इक था बचपन
चलते चलते चलते
चलते जाने कब इन राहों में
बाबूजी बस गए बचपन की
बाहों में मुट्ठी में बंद
हैं वह सूखे फूल भी
खुशबू है जीने की चाहो में
इक था बचपन इक था बचपन
होंठो पर उनकी आवाज़ भी है
मेरे होंठो पर उनकी आवाज़ भी है
सांसों में सौंपा विश्वास भी है
जाने किस मोड़ पे कब मिल जायेंगे वह
पूछेंगे बचपन का एहहास भी है
इक था बचपन इक था बचपन
छोटा सा नन्हा सा बचपन
इक था बचपन.
गीत:इक था बचपन
फिल्म :आशीर्वाद 1968.
गायिका: लता मंगेशकर
गीतकार: गुलजार
संगीत :वसंत देसाई