कभी प्यार से मैं मिला तो नहीं हूँ..
मगर प्यार से मैं जुदा तो नहीं हूँ...
न अफसोस कर जान तू इस घड़ी पे..
ज़रा दूर हूँ मैं ख़फा तो नहीं हूँ...
मेरी शायरी का अलग है तसव्वुर..
चलूँ साथ सबके हवा तो नहीं हूँ...
तेरा साथ जन्म मैं छोडूँगा कैसे..
किसी हुस्न पे मैं फिदा तो नहीं हूँ...
मेरी ख़ामियों को तुम इतना न देखो..
खुदा का हूँ बन्दा ख़ुदा तो नहीं हूं...
-Akash Gupta✍️✍️