कुछ एहसास मन में जो दबाये ,
अपनी हसीं मे थे जो छुपाये l
हलातो के आगे खुद को झुकाया ,
दिल के अरमानो को किसी कोने मे छुपाया l
खुल कर जीना भूल से गए ,
हर रोज़ बीन आंसू के रोना सीख गए l
हलात से लड़ते लड़ते , खुद से ही हार गए
ज़िन्दगी जीने की चाहत वो मार गए l
सलाम है उन्ह को
इन्ह हलातो से लड़ , दर्द छुपा
ज़िन्दगी जो उन्हों ने बिताई ,
मेरी कलम भी वो लिख ना पाईl
-navita🎼