हनुमंत जमे रहो आसन पर
जब तक कथा राम की होय
तुम्हारी माया अजब निराली
अंजनी है तुम्हारी महतारी
पिता तुम्हारे वायु नंदन
तुम करते प्रभु राम का वंदन
एक पल में सूरज निगलो
एक हस्त कमल में पूरो
संजीवनी विशालकाय
पर्वत लाये,बूटी लाये
तुमको ना था कुछ ज्ञान
जब हुआ था तुम्हें भान
तुमने किया रावण
का अहंकार नाश
अंजनी नंदन तुम कहलाते
जाने है सारा संसार
आशा सारस्वत
#Hanuman