तस्वीर की खूबसूरती..............................
दीवारों पर टंगी तो तस्वीर हो गई,
अल्बम में सजी तो फोटो बन गई,
लाखों चित्रों का समावेश मुझमें रोज़ाना होता है,
किसी के लिए मैं पेंटिंग तो किसी के लिए पोट्रेट हो गई.......................
घर को रोशन तो रोशनी करती है,
मुझसे तो दरों - दीवार की खूबसूरती बढ़ती है,
रंगों से मेरी पक्की दोस्ती है,
मुझसे प्यार करने वालो की कोई कमी नहीं है,
मुझे घर लाने वालों की तादात बहुत बड़ी है........................
मुझ तस्वीर को देखने के लिए मेला लगता है,
पैसे वालो का हुज़ुम उमड़ता है,
बोली लगती है मेरी भरे बाज़ार में,
मेरी किमत का तो मुझे तब एहसास होता है..........................
तस्वीर खूबसूरत हो तो बिक ही जाती है,
आश्चर्य तो तव होता है जब बिखरे रंगों में भी लोगो को,
खूबसूरती नज़र आती है,
नज़र कमज़ोर है उनकी या मेरी किस्मत अच्छी है,
तभी तो सैंकड़ो तस्वीरें ऐसी है,
जो कि समझ से परे है...........................
स्वरचित
राशी शर्मा