थे साथ तुम, तो आबाद था ये मन!,
दूर क्या गये, हुआ बर्बाद हूँ।
जैसे कल था,
रहा न आज हूँ।
जानते तो हो,तुम कन्हैया!,
मैं तुमसे, कितना नाराज हूँ।।
#पीड़ा_मन_की
#तुम्हारीकमी
#प्यारे_जू
#कन्हैया
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन

Hindi Shayri by सनातनी_जितेंद्र मन : 111832294

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