हां पहले से थोड़ा ज्यादा व्यस्त रहने लगी हूं मैं
अपनी खुशियों को भी थोड़ा वक्त देने लगी हूं मैं।
जीवन की जिम्मेदारियों में रह गए थे जो ख्वाब अधूरे
अपने उन अधूरे ख्वाबों में हकीकत का रंग भरने लगी हूं मैं।
कुछ वक्त अब खुद के संग भी बिताने लगी हूं मैं।
बात बेबात अब खुलकर हंसने मुस्कुराने लगी हूं मैं।
दौड़ती भागती जिंदगी से कुछ पल फुर्सत के चुराने लगी हूं मैं।
जीवन की लय पर खुशियों के गीत गुनगुनाने लगी हूं मैं।
हां, पहले से ज्यादा अब व्यस्त रहने लगी हूं मैं।
खुद को भी अब थोड़ा वक्त देने लगी हूं मैं!!!😊
-Saroj Prajapati