किया कटघरे मे खड़ा तो तोलना कि
तुमने मुझे विश्वास के नाम पर क्या दिया है ?
मै तो अब भी सोई हूँ तुमने मुझे नींद मे ही
रख दिया है , एक तरफ तुम हो काया मे काया से बाहर ,
एक तरफ मै चिर निद्रा मे | देख न पाऊँ अन्दर- बाहर ,
लड़ती हूँ खुद ही खुदसे |

Urdu Quotes by Ruchi Dixit : 111831192
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