डायरी में कैद है...................................
डायरी में कैद है जज़्बात मेरे,
मुझे समझने वाले बाद में पढ़ना,
पहले पूरा होने तो दो पन्नों को,
इसे तुम मेरे बाद ही खोलना...............................
अंधेरे का साथी मेरा हमेशा मुझे समझाता है,
तू लिख अपने दिल की बात,
मैं देखता हूँ तुझे कौन रोकने आता है,
अलग दिन की अलग कहानी कहता है,
कैसी थी मैं ऐ सब बयान करता है.............................
इसकी हर अदा ने मुझे अपना दिवाना बना दिया,
मेरे साथ हंसता है औरों के लिए इसने खुद को ताले में बंद कर लिया,
सबक दर सबक इसने जीना सिखाया है,
इस पर लिखने के बाद,
लिखने वालों ने सुकून का एहसास पाया है................................
स्वरचित
राशी शर्मा