सचमुच कमाल की शख्सियत रखते हैं कुछ लोग
बगल में छुरी, मुंह पर राम रखते हैं कुछ लोग
बनकर हितैषी, अंदर ही अंदर घात लगाते हैं कुछ लोग
घोंप पीठ में खंजर,सामने घड़ियाली आंसू बहाते हैं कुछ लोग
बनकर मुंह मियां मिट्ठू अपनी ही पीठ थपथपाते हैं कुछ लोग
क्यों दूसरों की कामयाबी को कभी नहीं पचा पाते हैं कुछ लोग।।
-Saroj Prajapati