ज़मीर, ज़मीर हैं तेरा, सलामत हैं तो सही
जो इंसान हैं तू, इंसानियत, इंसानियत सलामत हैं तो सही
आज, आज सही हैं, कल हैं तो सही तेरा
शौख के लिए पैसा कमाए शरीर, शरीर हैं तो सही तेरा
आज अंधकार फैला हैं जीवन में, कल उजियारा हैं तो सही
माना की आज रेंग रहा हैं तू, कल, कल चलेगा तो सही
आज झुका हैं अगर किसी के सामने, कल, कल वो भी झुकेगा तो सही
आज रुलाया हैं तुझे किसी ने, कल, कल आएगा तो सही
जिसने रुलाया हैं तुझे आज, वो, भी वो भी रोयेगा तो सही
करता रह प्रयास तू, एक दिन पंख लगेंगे तो सही
सब्र का फल सुना, सुना हैं सब ने, एक दिन आएगा तो सही
की हैं तुमने अगर मेहनत आज, आज इंतज़ार करेगा तो सही
ज़मीर, ज़मीर हैं तेरा, सलामत हैं तो सही
जो इंसान हैं तू, इंसानियत, इंसानियत सलामत हैं तो सही
-BD Vaishnav